हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, इस सत्र में अराक़ शहर की स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती विशेषज्ञ ख़ानूम सुब्हानी ने हिस्सा लिया और क्रोध नियंत्रण के महत्व पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा,क्रोध एक शक्तिशाली भावना है, और जब यह ज़्यादा हो जाता है तो मानसिक कार्यक्षमता को बाधित कर देता है।
उन्होंने यह भी कहा कि पुरुषों और महिलाओं में क्रोध की अभिव्यक्ति अलग-अलग होती है जहाँ पुरुषों में यह अक्सर शारीरिक झगड़े की ओर जाता है, वहीं महिलाओं में यह भावनात्मक प्रतिक्रिया जैसे कि रोने के रूप में ज़ाहिर होता है।
क्रोध के समय सबसे बेहतर उपाय उन्होंने बताया कि उस परिस्थिति से खुद को दूर कर लेना चाहिए। क्रोध को नियंत्रित करने के लिए सुझाए गए उपायों में शामिल हैं:
गहरी साँस लेना – जो दिल की धड़कनों को नियंत्रित करता है और मन को शांत करता है।पानी पीना – जिससे तनाव कम होता है और नसों को सुकून मिलता है।टहलना/चहलकदमी – जिससे माहौल बदलता है और नकारात्मक ऊर्जा निकलती है।
उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि इन तकनीकों का पारिवारिक वातावरण में अभ्यास ज़रूरी है, ताकि सभी यह समझ सकें कि गुस्से के समय चुप रहना बेहतर है और शांति मिलने के बाद समाधान की ओर बढ़ा जाए।
ख़ानूम सुब्हानी ने पीढ़ियों के बीच सोच के अंतर की ओर इशारा करते हुए कहा किआज की युवा पीढ़ी पुराने ज़माने की तुलना में अधिक तेज़ी से ज्ञान प्राप्त कर रही है, इसलिए उन्हें समझने और सही मार्गदर्शन देने के लिए नई सोच और तरीकों की ज़रूरत है।"
अंत में उन्होंने कहा,इन क्रोध नियंत्रण तकनीकों को बार-बार अभ्यास में लाना ज़रूरी है, तभी इससे अच्छे और स्थायी परिणाम मिल सकते हैं।
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